आज हर कोई अपने दैनिक कार्य के लिए टू व्हीलर का इस्तेमाल नियमित तौर पर कर रहे है। हर किसी के घर में आपको टू व्हीरल देखने को मिल जाते है। लोग हर छोटे या बड़े काम के लिए इस टू व्हीलर का इस्तेमाल कर रहे है। लेकिन आज के कुछ नए एडवांस्ड बाइक में सेल्फ स्टार्ट का ही ऑप्शन देखने को मिल रहा है।
नए एडवांस्ड बाइक को अपको पहले वाली किक स्टार्ट सिस्टम देखने को नही मिलती है। आखिरकार कंपनिया ऐसा क्यों कर रही है और सेल्फ स्टार्ट देने का पीछे का मकसद क्या है। आज इस पोस्ट के सारे बातों का विस्तार से चर्चा करने वाले है।
बाइक से क्यों खतम होती जा रही है किक स्टार्ट सिस्टम
आज के नए जमाने वाले चुनिंदा बाइक में आपको सिर्फ सेल्फ स्टार्ट का ऑप्शन ही देखने को मिल रहा है। पहले जब सेल्फ स्टार्ट काम नही करता था तो लोग किक मारकर गाड़ी को स्टार्ट कर देते थे। लेकिन आजकल के बाइक में ऐसा नहीं होता है। आखिर इसके पीछे क्या कारण है? वैसे तो ये पूरी तरह टेक्निकल मामला है लेकिन हम आपको यहाँ आसान भाषा में समझाने जा रहे है।
अपको बात दे पहले वाले किक स्टार्ट सिस्टम वाले बाइक में जब हम किक मारते है तब इंजन तक फ्यूल जाने का सारा काम मैकेनिकल तरीके से होता था। इसके साथ स्पार्क और क्रैंप की मदद से इंजन स्टार्ट हो जाता था और प्रेशर की मदद से कार्बोरेटर के जरिए इंजन तक पेट्रोल पहुंच जाता था।
इस तरह सेल्फ स्टार्ट करती है काम
लेकिन आजकल के सेल्फ स्टार्ट वाले बाइक में ऐसा कुछ नही है। इसमें सारा काम मैनुअली होने लगा है। टैंक से इंजन तक फ्यूल पहुंचाने के लिए एक मोटर का इस्तेमाल किया जाता है। जब आप सेल्फ स्टार्ट के जरिए गाड़ी को स्टार्ट करते है तब इंजन स्पार्क और बैटरी की मदद से चालू हो जाता है।
सेल्फ स्टार्ट करने के लिए बैटरी का चार्ज होना काफी जरूरी है। इसलिए बाइक्स की बैटरी भी बाइक के एनर्जी रिजनरेटिव सिस्टम के जरिए खुद से चार्ज भी हो जाती हैं। इसके अलावा अगर आप इसके बारे में और जानते है तो आप हमे कॉमेंट कर बता सकते है।
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