अक्सर आपने कार के डैशबोर्ड पर Speedometer और Odometer को देखे ही होंगे। अगर आप भी इन दिनों के बीच में कन्फ्यूज हो तो आज इस आर्टिकल में इस दोनो term स्पीडोमीटर और ओडोमीटर के बारे में विस्तार से जानकारी देने वाले है। आमतौर पर ये दोनों चीजें एक-दूसरे के अगल-बगल रहते है। लेकिन आपको यह जानना काफी जरूरी है कि दोनो में अंतर क्या होता है और आखिकार इसका इस्तेमाल क्यों जाता है।
अक्सर आप कार के डैशबोर्ड पर इधर-उधऱ हिलती सूई देखकर कई बार लोग स्पीडोमीटर और ओडोमीटर के बीच कंफ्यूज हो जाते हैं कि आखिरकार इसका इस्तेमाल क्यों किया गया हैं। शराबी इसे लेकर कन्फ्यूज है तो आपकी कंफ्यूजन इस पोस्ट के माध्यम से दूर करने की कोशिश की गई है।
Speedometer और Odometer
अगर आप भी कार को ड्राइव करते है तो दोनो को आप कार के डैशबोर्ड पर आसानी से देख सकते है। स्पीडोमीटर और ओडोमीटर एक-दूसरे के अगल-बगल होते हैं, जो अलग-अलग जानकारी आप तक पहुंचाते हैं।
Speedometer का मुख्य कार की स्पीड चेक करना है। यह सोपडोमीटर आमतौर पर एक मीटर के रूप में होता है जिसमें एक सुई होती है जो कार की स्पीड के साथ बढ़ती या घटती है. स्पीडोमीटर का इस्तेमाल कार की सुरक्षित स्पीड को बनाए रखने और कानूनी स्पीड लिमिट का पालन करने के लिए किया जाता है। यह कार के पहियों से कनेक्ट होते है और इलेक्ट्रॉनिक सर्किट के जरिए प्रोसेस कर स्पीड का पता लगते है। जिसका परिणाम आप कर के गति को माप सकते हैं
Odmeter का इस्तेमाल आपके कार द्वारा कितनी दूरी तय किया गया इसे नापने के लिए किया जाता है। ओडोमीटर का मुख्य काम कार द्वारा कवर किए गए दूरी को नापना है। इसमें एक डिस्प्ले होता है जो कार द्वारा तय की गई दूरी को दिखाता है. ओडोमीटर का इस्तेमाल कार के रखरखाव और मरम्मत के लिए जरूरी जानकारी हासिल करने के लिए किया जाता है।
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