जिस तरीके से आज पूरी दुनिया में बढ़ते हुए प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए कई सारे योजना चलाई जा रहे हैं। उसी प्रकार से भारत में भी इन प्रदूषण पर नियंत्रण पाने के लिए कई प्रकार के योजनाएं चलाया जा रहे है। वहीं देखा जाए तो वायु प्रदूषण में सबसे ज्यादा योगदान पेट्रोल और डीजल से चलने वाली वाहनों के वजह से होता है। अगर पेट्रोल और डीजल से चलने वाले वाहनों को कम कर दिया जाए और इसके स्थान पर इलेक्ट्रिक से चलने वाली वाहन लाया जाए तो वायु प्रदूषण को काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है।
फेम सब्सिडी 3 का योगदान
जैसा कि आप सभी को पता है कि भारत सरकार की ओर से इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए फेम सब्सिडी चलाई जा रही है। वहीं इस सब्सिडी का तीसरा चरण शुरू होने वाला है। जिसके अंतर्गत भारत सरकार द्वारा पेश किए जाने वाले बजट में उम्मीद जताई जा रही है की तीसरे चरण के अंतर्गत इस बजट में दो पहिए इलेक्ट्रिक वाहन के लिए करीब ₹8000 करोड इलेक्ट्रिक बसों के लिए करीब ₹10000 करोड और तीन पहिया इलेक्ट्रिक वाहन के लिए करीब ₹4000 करोड़ का आवंटन होने की उम्मीद है।
क्या है सब्सिडी देने का उद्देश्य
वही बात किया जाए कि आखिर इन सब्सिडी देने के पीछे भारत सरकार का क्या उद्देश्य है। तो जैसा कि हमने आपको बताया कि आज सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में वायु प्रदूषण काफी तेजी से बढ़ता जा रहा है। इन्हीं को कंट्रोल करने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना बहुत ही ज्यादा जरूरी है।
ऐसे में अगर इन वाहनों पर भारत सरकार की ओर से सब्सिडी जारी की जाती है तो इलेक्ट्रिक वाहन की कीमतों में भारी गिरावट देखने को मिलती है। जिसके वजह से कस्टमर कम कीमत होने के वजह से इसे खरीदने के बारे में विचार करते हैं और इसे खरीदते हैं।
10% अधिक सब्सिडी की उम्मीदें
वैसे इलेक्ट्रिक वाहन जो महिलाओं के नाम पर रजिस्टर होंगे उसे पर करीब 10% अधिक सब्सिडी देखने को मिल सकती है। ऐसा इस नई बजट से लोगों की उम्मीद लगाई जा रही है। जो देखा जाए तो कुछ हद तक सही होने वाली है। यह जानकारी हमें हमारे सूत्रों के हवाले से मिली है। जो बहुत जल्द पेश होने वाले बजट में साफ हो जाएंगे।
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