अगर आप भी इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने का प्लान कर रहे हैं तो यह लेख आपके लिए काफी खास होने वाला है। ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें कुछ ऐसे बात बताने वाले है जिससे आपका दिमाग भी इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने के बारे में मजबूर हो जाएगा।
वैसे अगर देखा जाए तो पिछले दो-तीन महीना में देश के इलेक्ट्रिक व्हीकल मैन्युफैक्चरर कंपनी ने अपने प्रोडक्ट के कीमत में 25% तक की कटौती की है। कंपनियों ने 2-3 महीनों में अपने प्रमुख मॉडलों की कीमतों में 20-25 हजार रुपए (25%) तक कमी की है। वही इन सभी ने एंट्री लेवल मॉडलों की कीमतों में औसतन 15-17% तक कटौती की है।
अखिरकार क्या है कीमत में कटौती का राज
अगर देखा जाए को कीमत में कटौती का मुख्य कारण बैटरी के कीमत में कटौती का होना है। वैसे तेजी से बढ़ती ईवी की डिमांड को पूरा करने के लिए पेट्रोल दोपहिया निर्माताओं ने भी इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर मैन्युफैक्चरिंग में आक्रामक नीति अपनाई है। फिल्हाल यह सभी कंपनी के लिए एक नया और ओपन मार्केट में जिसे फिलहाल कई सारे प्लेयर मौजूद है।
वैसे अगर ईवी की कीमत में कटौती की बात करे तो EV बैटरी एक्सपर्ट और EV ऊर्जा के CEO संयोग तिवारी कहते हैं कि भारत सहित दुनिया के कई देशों में लीथियम के भंडार मिलने के बाद EV बैटरी के क्षेत्र में वर्चस्व रखने वाले चीनी निर्माताओं को अपना मार्केट शेयर घटता दिखाई दे रहा है।
इसके अलावा लीथियम आयन बैटरी के विकल्प के रूप में अन्य बैटरियां भी तेजी से विकसित हो रही हैं, इसलिए लीथियम आयन बैटरी की कीमतों में गिरावट आ रही है। इसके साथ इलेक्ट्रिक दोपहिया निर्माताओं ने मार्च ईयर एंडिंग से पहले स्टॉक क्लियर करने के लिए भी अपने मॉडलों की कीमतों में कटौती की है।
2-3 साल में पेट्रोल दोपहिया के बराबर होगी कीमत
वाई-फाई एक्सपर्ट्स का यह अभी मानना है कि दो-तीन सालों में टीवी मॉडल और पेट्रोल वेरिएंट मॉडल की कीमत एक समान हो सकता है। अब इलेक्ट्रिक व्हीकल के भी डिमांड काफी तेजी से बढ़ रही है। फिलहाल ईवी मार्केट की हिस्सेदारी 5% है जो दो-तीन सालों में बढ़कर 30 से 40% तक पहुंच सकते हैं।
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