जितनी तेजी से आज के दौर में इलेक्ट्रिक वाहन का क्रेज बढ़ता जा रहा है, उसके अनुसार आने वाले वक्त में भारत के ऑटोमोबाइल सेक्टर में बहुत बड़ी क्रांति देखने को मिल सकती है। इतना ही नहीं आने वाले 5 से 7 वर्षों में भारत के सड़कों पर आप ज्यादातर टू व्हीलर में इलेक्ट्रिक से चलने वाले वाहन ही देख सकेंगे।
इसके साथ ही आपको बताते चलें कि भारत ऑटोमोबाइल सेक्टर में पूरी दुनिया में सबसे बड़ा हब बन सकता है। अब ऐसे में नए रोजगार का सृजन होना एक आम बात है। तो चलिए इसके बारे मे विस्तार से जानते हैं।
पीएमओ के सलाहकार ने कह दी ये बड़ी बात
हाल ही में एक बिजनेस चैंबर फिक्की में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी से जुड़े कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएमओ के सलाहकार तरुण कपूर ने कहा कि अब वक्त आ चुका है भारत को इलेक्ट्रिक वाहन के ओर रुख करने का।
भारत के लिए यह सबसे बड़ा मौका होगा कि इस क्षेत्र में अब अपनी कदम काफी तेजी से बढ़ाया जाए। क्योंकि जिस तरीके से भारत में वाहनों के लिए दूसरे देशों से लाए जा रहे इंधन पर एक अच्छी खासी रकम खर्च करनी पड़ती है। जिसके कारण भारत के अर्थव्यवस्था पर बहुत बड़ा असर पड़ता है।
20 से 30 वर्षो में हो 80% तक इलेक्ट्रिक वाहन
इसके साथी उन्होंने कहा कि इसके लिए भारत सरकार को भी काफी आगे आना होगा। वैसे सभी कंपनियां जो इलेक्ट्रिक से चलने वाले वाहन निर्मित करती है उन सभी को काफी हद तक भारत सरकार द्वारा रियायतें दी जाए। उन्हें कई ऐसे सुविधाएं उपलब्ध कराए जाएंगे ताकि इलेक्ट्रिक वाहन के निर्माण में उन्हें किसी भी प्रकार का कोई समस्या देखने को ना मिले।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मैं ही नहीं बल्कि इस देश का सपना होना चाहिए कि आने वाले 20 से 30 वर्षों में भारतीय सड़कों पर 80 से 90 फिशदी इलेक्ट्रिक वाहन दौड़ते हुए नजर आए।
इलेक्ट्रिक वाहन को बढ़ावा से मिलेगी एक करोड़ से अधिक रोजगार
भारत एक बहुत बड़ा बाजार है। जिसके लिए इलेक्ट्रिक वाहन के निर्माण की गति को काफी तेज कर दिया जाए, तो भारत में एक करोड़ से अधिक रोजगार पैदा किया जा सकता है। जिसके जरिए भारत के कई युवाओं को रोजगार के साथ ही भारत के पैसे अन्य देशों में इंधन के रूप में जाने से भी बचाया जा सकेगा।
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