दोनो की पावर मिलाकर आपको करीब 6.2 kwh की बैटरी हो जाती है। जो की एक नॉर्मल इलेक्ट्रिक स्कूटर में इतनी पावर किसी भी इलेक्ट्रिक स्कूटर में देखने को नहीं मिलती है।
डिलीवरी में देरी का प्रमुख कारण इसकी एक ही मैन्युफेचर यूनिट है जो की तमिल नाडु में है। जिसकी पर ईयर मैन्युफैक्चरिंग कैपेसिटी करीब 1.2 लाख यूनिट है।
इसकी मैन्युफैक्चरिंग बुकिंग के अनुसार लगभग पूरी हो चुकी है। जिसकी हो सकती है की अगले महीने के लास्ट तक डिलीवरी सुरू हो जाए।