स्क्रैप पॉलिसी से EV तक, जानें मोदी सरकार के राज में कितना बदल गई ऑटो की दुनिया

9 Years Of Modi Government: स्क्रैप पॉलिसी से EV तक, मोदी सरकार के राज में इतनी बदल गई ऑटो की दुनिया. अगले साल मोदी सरकार का दूसरा कार्यकाल यानी 10 साल पूरे होने वाले हैं। इस साल मोदी सरकार के 9 साल पूरे हो गए और इस अवधि में मोदी सरकार ने भारत के ऑटो इंडस्ट्री में कई बड़े बदलाव किए हैं।

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आज इस पोस्ट में बात करने वाले है कि मोदी सरकार अपने कार्यकाल में ऑटो इंडस्ट्री में क्या बदलाव किए है, कौन-कौन से पॉलिसी लागू किए हैं, और इन पॉलिसी से आमजन को फायदा या नुकसान हुआ है।

9 Years Of Modi Government

2014 से शुरू हुआ है मोदी का सफर

मोदी सरकार 2014 से सत्ता में आए हैं यह साल उनके दूसरा कार्यकाल का चौथा साल है। सरकार ने लोगों की सेफ्टी और प्रदूषण से निपटने के कई सारे उपाय और पॉलिसी बनाई है और उन्हें लागू करने का आदेश भी दिया है। आज यही सब के बारे में बात करने वाले है। यह पढ़ें:👉 कम पूंजी मोटी कमाई! EV चार्जिंग स्टेशन बिज़नेस कैसे है आपके लिए फायदेमंद

इलेक्ट्रिक व्हीकल इंडस्ट्री को मिली बूस्ट

सबसे बड़ा काम मोदी सरकार में अपने दूसरे कार्यकाल में इलेक्ट्रिक व्हीकल इंडस्ट्री का बूस्ट देने का है। अपने कार्यकाल में मोदी सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहन इंडस्ट्री को काफी बूस्ट किया है ताकि आने वाले फ्यूचर पर्यावरण के साथ संतुलन बनाए रखें।

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इलेक्ट्रिक वाहनों को लाने के पीछे का मकसद प्रदूषण के बढ़ते स्तर को कम करना है। इसके अलावा इलेक्ट्रिक खरीदने पर सरकार की तरफ से सब्सिडी भी दी जाने लगे ताकि लोग इलेक्ट्रिक व्हीकल को खरीद सके और अपना सके। यह पढ़ें:👉 ₹71,000 एक्स शोरूम कीमत के साथ मार्केट में लॉन्च हुई 76km रेंज वाली शानदार इलेक्ट्रिक स्कूटर

स्क्रैप पॉलिसी

दूसरे सबसे बड़े बातें हैं कि मोदी सरकार ने स्क्रैप पॉलिसी को मंजूरी दी है। इस पॉलिसी को मंजूरी होने से हमारे देश में रोजगार के अवसर बढ़े है। स्क्रैप पॉलिसी के आने से ऐसे वाहनों को सड़कों से हटाने में भी मदद मिल रही है जो वातावरण को प्रदूषति कर रहे हैं. स्क्रैप पॉलिसी के तहत सरकार ना केवल रोड टैक्स पर छूट देती है बल्कि इसके अलावा नई वाहन को खरीदने पर भी डिस्काउंट का फायदा मिलता है।

वहां एक्सप्रेस पॉलिसी के तहत आप 15 साल से पुराने वाहन को रोड पर नहीं चला सकते। उसे न तो पैसेंजर व्हीकल नहीं परस पर्सनल व्हीकल के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं। यह पढ़ें:👉 शानदार मौका: 45 हजार में ही खरीदें इतनी लंबी रेंज वाली Electric स्कूटर

सरकार ने लागू किए नए एमिशन नॉर्म्स

केंद्र सरकार का नए नॉर्म्स पॉलिसी को लागू करने के पीछे का मकसद स्कूटर, बाइक, कार और ट्रक आदि से निकलने वाली हानिकारक गैस या फिर कह लीजिए प्रदूषण को कम करना। नए नियम के अनुसार अपडेटेड BS6 फेज 2 एमिशन नॉर्म्स को लागू किया है।

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यानी आने वाले सभी वाहन में अपडेटेड BS6 फेज 2 एमिशन इंजन का ही इस्तेमाल किया जाएगा। अगर ऐसा नहीं होता है तो कम्पनी के ऊपर कानूनी कारवाई होगी ऐसा सरकार का कहना है। इस पॉलिसी का भी मुख्य मकसद पर तक पाकिस्तान को कंट्रोल करना है और पर्यावरण के साथ ताल से ताल मिला कर चलना है।

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Rajeev Ranjan - editor of the blog Ecovahan. Currently Pursuing B.Tech (Electrical Engineering). Intersted in EVs and Loves automobile.

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