130 अरब की बैटरी प्लांट को लेकर Tata नई इलेक्ट्रिक वाहन के क्षेत्र में बढाई बड़ी कदम! नए सौदे पर हस्ताक्षर

टाटा जो अपने बेहतरीन ऑटोमोबाइल को पूरे भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में जाने जाती है। वही टाटा ने अपने इलेक्ट्रिक वाहन के क्षेत्र में एक और नई कदम बढ़ा दिया है। आपको बताते चलें कि भारतीय बाजार में सबसे ज्यादा इलेक्ट्रिक कार के बिक्री होती है तो वह है टाटा की। मगर यह भी आंकड़े उतने संतोषजनक नहीं है जितने की भारतीय बाजार में होनी चाहिए।

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भारतीय बाजार में जितनी कुल कार सेल हो रहे हैं उसका मात्र 1% हिस्सा ही है जो इलेक्ट्रिक कार मार्केट में सेल हो रही है। जिसको लेकर के टाटा ने इस हिस्सेदारी को बढ़ाने के लिए एक नए कदम उठाया है। जिसमें टाटा अब लिथिओं आयन बैट्री के निर्माण के लिए नए सौदे किए हैं। तो चलिए जानते हैं इस सौदे के बारे में और विस्तार से।

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गुजरात सरकार के साथ हुआ बड़ा सौदा

भारतीय वाहन निर्माता कंपनी Tata Group ने लगभग 130 अरब रुपये के निवेश के आधार पर, लिथियम-आयन सेल फैक्ट्री के निर्माण के लिए शुक्रवार को एक रूपरेखा समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। आपको बता दे की टाटा की यूनिट अग्रतास एनर्जी स्टोरेज सॉल्यूशंस और गुजरात की राज्य सरकार के बीच एक समझौता हुए है जिसमे उत्तरी गुजरात के साणंद में स्थित प्लांट पर काफी तेजी से काम किया जा रहा है। जिसमे उम्मीद है की इसे 3 साल के भीतर पूरी तरह से चालू कर दिया जाएगा।

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इसकी शुरुआती मैन्युफेचरिंग कैपेसिटी होगी इतना

इसके साथ ही आपको बताते चलें कि जब यह समझौता हो रहा था तो उस वक्त एक बयान में कहा गया कि इस कंपनी के शुरुआती मैन्युफैक्चरिंग क्षमता करीब 20 गीगाबाइट घंटे होने वाली है। वैसे तो यह शुरुआती क्षमता होगी जिसे धीरे-धीरे विस्तार दिया जाएगा।

वही कंपनी का यह लक्ष्य होगा कि दूसरे चरण में इस उत्पादन क्षमता को दोगुना से भी अधिक किया जाए। इसके साथ ही गुजरात के एक बड़े अधिकारी के बयान में यह सुना गया, कि उन्होंने बताया कि भारतीय इलेक्ट्रिक ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में यह एक बहुत बड़ा कदम होगा।

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इस इंडस्ट्री के बाद इलेक्ट्रिक वाहन के क्षेत्र में आ सकती है क्रांति

इस इंडस्ट्री का स्थापित हो जाने के बाद इसकी कल्पना आप खुद भी कर सकते हैं कि जब लिथियम आयन के बैटरी भारत में ही निर्मित होगे तो इस पर आने वाले प्रोडक्शन कॉस्ट में काफी हद तक कमी आएगी।

जिसके बाद इलेक्ट्रिक वाहन में सबसे ज्यादा खर्च उसके बैटरी पर होती है और बैटरी के कीमत में कम होने के वजह से इलेक्ट्रिक वाहन की कीमतों में भी कमी आएगी। जो कि भारतीय के लिए एक सकारात्मक संकेत है।

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Sharwan Kumar - passionate about content writting. Currently Pursuing B.Tech (Electrical Engineering)

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