सिर्फ 72 सेकेंड में चार्ज हो जाएगी आपकी E-Car, इस खास तकनीक का होगा इस्तेमाल

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EV Car Charge In Just 72 Seconds! इलेक्ट्रिक व्हीकल और खासकर ई कार इन दिनों पूरी दुनिया में पॉपुलर हो रही हैं. इलेक्ट्रिक कार को सिर्फ 72 सेकेंड में चार्ज करने के लिए स्विस स्टार्टअप मोरांड ने एक खास हाईब्रिड टेक्नोलॉजी बनाई है। हालांकि आम लोगों की पहुंच तक आने में इसे कुछ समय लग सकता है।

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72 सेकेंड में आपकी ई कार होगी चार्ज

आज ईवी इंडस्ट्री का मार्केट पूरे वर्ल्ड में तेजी के साथ विस्तार कर रहा है। ऐसे में अगर कोई भी इलेक्ट्रिक वाहन लेते है तो सबसे पहले बैटरी चार्जिंग को लेकर डाउट रहता है कि कितने घंटो में बैटरी फुल चार्ज हो जाएगी। पर अब ऐसा कुछ भी नहीं है आपको चार्जिंग को लेकर चिंता करने की कोई जरुरत नहीं है। रोज रोज नई और एडवांस्ड टेक्नोलॉजी बनाया जा रहा है। ऐसे में स्विस स्टार्टअप मोरांड एक ऐसी ही बैट्री चार्जिंग टेक्निक को विकसित कर रहा है जो केवल 72 सेकेंड में आपकी ई कार को चार्ज कर देगा।

कहने का मतलब जितने देर में आप पेट्रोल पंप पर अपने वाहन में पेट्रोल और डीजल डलवाते है उतने देर में आपकी इलेक्ट्रिक व्हीकल की बैटरी फुल चार्ज हो जायेगी। ये एक हाईब्रिड टेक्नोलॉजी होगी जो ट्रेडिशनल बैट्री और अल्ट्रा कैपेसिटर टेक्निक का यूज करेगी।

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टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करना थोड़ा महंगा होगा

इस तकनीक को विकसित करने वाले मोरांड के संस्‍थापक और पूर्व एफ 1 ड्राइवर बेनोइट मोरांड का कहना है कि  लंबी दूरी तय करने वाली ईवी जिनमें 100 किलोवॉट से ज्यादा के बैट्री पैक लगाए जाते हैं उन पर लागू नहीं होगी। इनका यह भी कहना है की यह टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करना थोड़ा महंगा होगा और अभी फिलहाल यह आम लोगो को बजट के बाहर ही रहेगा।

इसके साथ ये तकनीक कारों के साथ ही ड्रोन और ई बाइक के लिए भी कारगर साबित होगी। लेकिन मोरांड का लक्ष्य संभावित रूप से गेम-चेंजिंग हाइब्रिड तकनीक की लागत को कम करने के लिए उत्पादन को स्केल करना है।

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50 हजार बार हुआ टेस्ट

टेक्नोलॉजी को विकसित करने वाले संस्थापक का कहना है कि इस टेक्नोलॉजी का परीक्षण 50 हजार टेस्टिंग के रूप में किया गया है। आपको बता दे की इस हाईब्रिड टेक्नोलॉजी और चार्जिंग की तुलना जब नॉर्मल लिथियम आयन बैटरी से की गई तो उसकी क्षमता इससे कहीं कम निकली। यह तकनीक इस तरह से डिजाइन किया गया है की यह टेक्नोलॉजी ज्यादा तापमान में भी सही काम करती है, जो आमतौर पर पारंपरिक ईवी बैटरी के मामले में नहीं होती है।

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Rajeev Ranjan - editor of the blog Ecovahan. Currently Pursuing B.Tech (Electrical Engineering). Intersted in EVs and Loves automobile.

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