Electric Vehicle Cost Increases: आज ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में ईवी इंडस्ट्री सबसे फास्ट ग्रोइंग इंडस्ट्री के लिस्ट में नंबर वन पर है। पर इसे नंबर वन पर ही रहना थोड़ा मुश्किल लग रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि किसी भी इलेक्ट्रिक स्कूटर में उसके बैटरी की सबसे अहम भूमिका होती है और यह अ काफी महँगी हो गई है.
50-60% बढ़ गई बैटरी की कीमतें
लेकिन ब्लूमबर्ग एनईएफ के मुताबिक, इस साल दुनियाभर में लिथियम आयन बैटरी पैक औसतन 7% महंगे हुए हैं जिससे भारत में EV बैटरी की कीमतें 50-60% बढ़ गई हैं। यह उन लोगों के लिए बहुत बुरी खबर है जो इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने का सोच रहे होंगे। एक्सपर्ट्स के अनुसार नई साल में मार्केट में मिलने वाले इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) के दाम 7-10% बढ़ सकते हैं।
हमारे देश के गवर्नमेंट ने भी ईवी मार्केट कंपनी को सख्त निर्देश दिए गया है की उनके व्हीकल में प्रयोग होने वाली बैटरियों की टेस्टिंग के लिए AIS 156 स्टैंडर्ड लागू हो जाए जो इसी साल दिसंबर से चालू ही जायेगा। लोगो के सुरक्षा के लिए ऐसा किया गया है क्योंकि आए दिन ईवी बैटरियो ने आग लगने की खबर सुनने की मिल रही थी।
घरेलू बाजार में 4 कारणों से महंगी हो रही EV बैटरी
- लिथियम, कोबाल्ट, निकल जैसे खनिज महंगे हो गए क्योंकि विदेशों में लॉकडाउन के वजह से सप्लाई में दिक्कत का आना
- चीन में लॉकडाउन के चलते सप्लाई की दिक्कतें बढ़ी हैं
- देश में बैटरी परीक्षण के सख्त नियम लागू हो रहे हैं
- बैटरी में इस्तेमाल होने वाले इलेक्ट्रॉनिक्स के दाम बढ़ गए
मॉफैक्चरिंग कॉस्ट 15% तक बढ़ गई
इन सभी को देखते हुए इलेक्ट्रिक व्हीकल की मॉफैक्चरिंग कॉस्ट 15% तक बढ़ गई है। इसलिए EV कंपनियां इसका पूरा बोझ ग्राहकों पर डालने से बच रही हैं। पर कीमतें 7 से लेकर 10 फीसदी बढ़ाना उनकी मजबूरी है। इसके चलते अगले साल EV महंगे हो सकते हैं। ऐसे में अगर आप भी कोई इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदना चाहते है तो जल्दी करे।
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